शराब एक प्रकार का उत्तेजक पेय है, जिसे फलों के रस, फूलों के रस और नट्स का प्रयोग करके बनाया जाता हैं। बाजार में शराब के कई प्रकार उपलब्ध हैं जैसे-व्हिस्की, रम, वोडका,वाइन, बियर आदि। शराब पीने के बाद व्यक्ति अपनी बॉडी में उत्तेजना का अनुभव करते हैं। यदि आप संतुलित मात्रा में शराब पीते हैं, तो शराब फायदेमंद हो सकती है।
परन्तु अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से इसके नुकसान भी हो सकते हैं। आज के लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि शराब पीने के फायदे और नुकसान के साथ एल्कोहल के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में।शराब, दोगुली प्रकृति की होती है। मादक पेय पदार्थों में इथेनॉल नामक कण पाया जाता है, जो शरीर को कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करता है। यह पेट, मस्तिष्क, हृदय, पित्त की थैली और लिवर को प्रभावित करता है। यह रक्त में वसा (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड) और इंसुलिन के स्तर को प्रभावित करता है। यह मूड और एकाग्रता पर भी प्रभाव डालता है।
परन्तु अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से इसके नुकसान भी हो सकते हैं। आज के लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि शराब पीने के फायदे और नुकसान के साथ एल्कोहल के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में।वर्ष 1986 में शोधकर्ताओं के दल ने अमरीका में 50 हज़ार से ज़्यादा पुरुष डॉक्टरों का सर्वे किया. इसमें उनके खाने-पीने की आदतों, उनके चिकित्सीय इतिहास और स्वास्थ्य की स्थिति पर दो साल तक नजर रखी गई.इस अध्ययन में पाया गया था कि जो डॉक्टर ज़्यादा शराब पीते थे, उनमें कोरोनरी हार्ट बीमारियां कम होती हैं.
वास्तव में शराब क्या कोई भी चीज़ एक सीमा तक ही अच्छी होती है। लेकिन भारत में अक्सर देखा गया है कि लोग गहराई से समझने के बजाय ऊपरी बातें सुनकर चीज़ों का उपयोग करने लगते हैं। ऐसा ही शराब के साथ न हो इसलिए ये जानना बेहद ज़रूरी है कि एक सीमित मात्रा में ही शराब के कुछ लाभ भी होते हैं लेकिन रोज़ाना इसका सेवन करना बेहद हानिकारक होता है।
सीमित मात्रा में शराब या अल्कोहल व वाइन पीने के फायदे
सर्दी जुखाम के उपचार में
कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग के मुताबिक, जहां धूम्रपान की वजह से सर्दी जुकाम होने की सम्भावना बढ़ती है वहीं सीमित मात्रा में शराब का सेवन करने से आम सर्दी जुकाम बहुत कम होती है। यह अध्ययन 1993 में 391 वयस्कों के साथ आयोजित किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 2002 में स्पैनिश शोधकर्ताओं ने पाया कि हर हफ्ते आठ से 14 गिलास वाइन पीने से, विशेष रूप से रेड वाइन, मौसम बदलने पर होने वाली आम सर्दी खांसी में 60 प्रतिशत की कमी होती है। ऐसा अल्कोहल के एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण होता है।
मधुमेह के उपचार में
यदि शराब को प्रतिदिन सीमित मात्रा में लिया जाता है, तो यह एक ऐसा हॉर्मोन बनाता है जो इन्सुलिन को नियंत्रित करता है। इन्सुलिन हमारे शरीर में ग्लूकोस के संतुलन को बनाये रखता है और रक्त संचार में शर्करा की मात्रा को रेगुलेट करके मधुमेह को रोकती है।
जीवनकाल बढ़ाता है
कभी-कभी अल्कोहल पीने से आपकी जीवन अवधि में भी बढ़ौतरी होती है। एक अध्ययन में यह बताया गया है कि कभी-कभी ड्रिंक करने वाले पुरुषों द्वारा दिन में कम से कम दो ड्रिंक और महिलाओं के लिए एक या डेढ़ ड्रिंक पीने से मृत्यु की संभावना 18 प्रतिशत तक कम होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, “आमतौर पर खाना खाते समय थोड़ी मात्रा में ड्रिंक करना, वास्तव में ड्रिंक करने का सही तरीका होता है।”
पथरी को गला देता है
पित्ताशय पथरी पित्ताशय थैली में कठोर कोलेस्ट्रोल के जमा होने के कारण होती है, जो छोटे-छोटे कंकड़ के समान होती है। जिसके कारण मरीज को बहुत दर्द का अनुभव करना पड़ता है। शराब की संतुलित मात्रा का नियमित सेवन पित्ताशय पथरी को गला देता है।
हार्ट अटैक का खतरा भी कम
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ स्कूल में एक अध्ययन में पाया गया कि “सीमित मात्रा” में अल्कोहल का सेवन करने से अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ता है जो हृदय को रोगों के प्रति सुरक्षा प्रदान करता है। शराब की सीमित मात्रा से इंसुलिन में बेहतर संवेदनशीलता आती है जो रक्त के थक्के ज़माने वाले कारकों को प्रभावित करता है। इसके कारण हृदय की धमनियों, गर्दन और मस्तिष्क को ब्लॉक करने वाले थक्के नहीं जमते और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है।
यौन-क्रिया को बढ़ाता है
रेड वाइन का सेवन करने से महिलाओं में यौन क्रिया करने की चाह पुरुषों से ज्यादा हो जाती हैं। शादीशुदा दंपती इसका सेवन करके अपना जीवन सुखद अनुभव के साथ बिता पाते हैं।
डायबिटीज होने की संभावना कम
एक डच अध्ययन के अनुसार, स्वस्थ वयस्क जो प्रति दिन एक से दो गिलास ड्रिंक करते हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना कम होती है जो बिल्कुल नहीं पीते हैं।
ज्यादा शराब या अल्कोहल व वाइन पीने के नुकसान
गर्भवती माहिला में शराब हो सकती है जानलेवा
शराब का अधिक सेवन करने से कैल्शियम निर्माण और हड्डियों द्वारा उसे अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है, जिसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। यदि गर्भवती महिला शराब का ज्यादा सेवन करती है, तो उसकी संतान अपंगता का शिकार हो सकती है
किडनी हो सकती है ख़राब
शराब पीने वालों की किडनी ख़राब होने की संभावना होती है, क्योंकि शराब पीने से मूत्र निर्माण ज्यादा होता है, जिससे किडनी पर अधिक दबाव पड़ता है। लम्बे समय तक लगातार शराब का अत्यधिक सेवन करने से किडनी ख़राब हो सकती हैं।
लीवर हो सकता है ख़राब
शराब कालीवर पर सीधा असर पड़ता है, क्योंकि शराब सबसे पहले लीवर में ही पहुंचती है। चूँकि अल्कोहल का 90% विघटन लीवर में ही होता है, इसलिए जब आप बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो आपका लीवर खराब हो सकता है।
ज्यादा पीने से हो सकता है हदय प्रॉब्लम
अधिक मात्रा अल्कोहल पीने से आपको उच्च रक्तचाप, अनियमित हृदय धड़कन और कभी-कभी दिल का दौरा भी पड़ सकता है, जिसके कारण आपकी जान भी जा सकती है।
मस्तिष्क पर प्रभाव
यह सीधे मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। इसे पीने पर अलग अलग लोगों पर भिन्न भिन्न प्रभाव पड़ता है। कुछ लोग अधिक बोलने लगते हैं, कुछ डिप्रेस्ड लोग रोने लगते हैं। कुछ को गुस्से आदि का अनुभव होता है।
स्तन कैंसर होने का खतरा
स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ता है। इस बात का ठोस प्रमाण है कि शराब के सेवन से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। 320,000 से अधिक महिलाओं पर किये गए अध्ययनों में, शोधकर्ताओं ने पाया कि एक दिन में दो या अधिक से अधिक गिलास ड्रिंक करने से स्तन कैंसर होने की संभावना 41 प्रतिशत बढ़ जाती है।
इसलिए दोस्तों शराब की मात्रा सीमित करना मुश्किल हो सकता है। तो बेहतर होगा अगर आप शराब की लत न ही पालें। और अगर सेवन करें भी तो इसे लत न बनने दें, खुद पर इतना नियंत्रण रखें।
योन सेक्स का सही नहीं ले पते आनंद
चूँकि शराब पीने से रक्त संचार बढ़ जाता है, जिसका सेक्सुअल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण जल्दी वीर्य उत्सर्जन या अनचाहा गर्भधारण होने का डर बना रहता है जिससे आप सेक्स का सही आनंद नहीं ले पाते हैं।