स्वतंत्रता दिवस 2019 आइए मनाए आजादी का 73 वा साल |
Happy Indian 73rd 15 August 2019 Independence
Independence Day Speech in Hindi
कॅरियर फिजिकल अकेडमी की तरफ से आप सभी को और आपके परिवार जनों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
हमारे देश को आजाद कराने वाले उन देश के विरो का मेरा सलाम उन्ही के योगदान को हमे कभी भूलना नहीं चाहिए | ऐसे देश के वीर देश भक्त जिन्हो ने अपनी जान की बाजी तक लगाई है | ऐसे देश भक्त का नाम लेते है तो हमारा सर गर्व से ऊचा हो जाता है | ऐसे देश भक्त के कुछ नाम में बताना चाहता हु | जिनके योगदान इतना महत्वपूर्ण है की इन्हे हमेशा याद किया जाता है | इन्हे में से कुछ नाम है लक्ष्मीबाई , तात्या टोपे , चंद्रशेखर आजाद , सुभाषचंद्र बोस , भगतसिंह , सरदार वल्ल्भभाई पटेल , गांधीजी , इत्यादी |
इस देश के लिए शहीद होने वाले कई वीरों और वीरांगनाओं का नाम आपने सुना होगा। लेकिन हम आपका परिचय कुछ ऐसे शहीदों से करवाने जा रहे हैं जिनका नाम शायद ही आपने कभी सुना होगा।
1 . बाजी राउत – जो की हमारे देश के सबसे कम उम्र में होने वाले शहीद थे। उन्हें अंग्रेजो दुवारा गोली मारी गई थी | महज 12 साल की उम्र में देश के लिए वो शहीद हुए थे |
2 . बसंत विश्वास – बसंत विश्वास ने दिल्ली में वायसराय परेड पर बम फेका था | उन्ही के चलते 1915 में अंबाला जेल में उनको फांसी दी गई | देश के इस अमर शहीद को सलाम |
3 . भाई बालमुकुंद – भाई बालमुकुंद ने लाहौर के लारेंस गार्डन में अंग्रेजो पर हमला किया | ये रहने वाले पंजाब के झेलम जिले के रहने वाले थे | उनको भी फांसी की सजा दी गई | देश के इस अमर शहीद को सलाम |
4 . वीर नारायण सिंह – वीर नारायण सिंह ने अपने प्राणों का बलिदान किया | अंग्रेजो ने उन्हें 10 दिसंबर 1857 को उनको तोप के गोले से उड़ा दिया गया | भारत को आजाद कराने वाले अमर शहीद छतीसगढ़ के रहने वाले थे | देश के इस अमर शहीद को मेरा सलाम |
5 . करतार सिंह सराभा – करतार सिंह सराभा को गदर आंदोलन के लिए 1915 में मौत की सजा मिली | देश के अमर शहीद को मेरा सलाम |
6 . मनिराम दिवान – मनिराम दिवान अंग्रजो के खिलाफ 1857 की लड़ाई की थी | उनको जोरहाट जेल में फांसी की सजा दी गई |
7 . मास्टर शिरीष कुमार – मास्टर शिरीष कुमार महाराष्ट्र के नादुरबार के रहने वाले थे | उनको सिर्फ मात्र 15 साल की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान शहीद हुए थे |
8 . कनकलता बरुआ – असम की रहने वाली कनकलता बरुआ देश की वीरांगना थी | कनकलता बरुआ ब्रिटिश सरकार के विरोध में जुलुस का नेतृत्व कर रही थी | उनके हाथ में देश का झंडा था और जुबा पर देश की आजादी के नारे | उसी दौरान अंग्रेजो ने कनकलता बरुआ को गोली लगी और देश के शहीदो में अपना नाम अमर कर गई |
9 . संगोली रायत्रा – संगोली रायत्रा कर्नाटक में बेलगाम क्षेत्र में अंग्रेजो से आजादी की लड़ाई की थी इसी के चलते उन्हें अंग्रेजो ने एक बरगद के पेड़ पे लटकाकर फांसी दी | वह बरगद का पेड़ आज भी इस अमर शहीद की याद दिलाता है |
10 . सागरमल गोपा – सागरमल गोपा आजादी की लड़ाई में जेल गये थे उन्हें जेल के अंदर बहुत ही ज्यादा यातना दी गई | जिसके कारण उनकी जान चली गई और वह देश भक्त देश के लिए शहीद हो गए |
ऐसे देश के और भी कई क्रांति वीर पुत्र थे | जो इस भारत माँ के लिए शहीद हो गये | ऐसे वीर योद्धा को मेरा नमन , उन्ही देश के वीर शहीदों के कारण ही भारत को 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को पूर्णतः आजादी मिल गई |