पपीता विश्व के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का एक प्रमुख फल है। पपीते का मूल स्थान अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र हैं और पहली बार इसे मैक्सिको में उगाया गया था। भारत में पपीते को पुर्तगाली लेकर आए थे। इस फल के अनेक स्वास्थ्यवर्द्धक लाभ होते हैं। स्वाद और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के कारण पपीता एक लोकप्रिय फल है। पपीता विटामिंस से प्रचुर होता है। पपीते का स्वाद बढ़ाने के लिए इस पर नमक, मिर्च, चीनी या नींबू डालकर खा सकते हैं। कच्चे पपीते की सब्जी भी बनाई जा सकती है और इसका आप अचार भी बना सकते हैं। पपीते में पपेइन नामक एंजाइम होता है जिसका इस्तेमाल कॉस्मेटिक, च्युइंग गम में किया जाता है। ऐसा माना जाता है पपीते को स्मूदी या मिल्क शेक में भी डाल सकते हैं। इसमें प्राकृतिक रूप से फाइबर, कैरोटीन, विटामिन सी और अन्य जरूरी मिनरल्स मौजूद होते हैं।
पपीते के पौधे की जड़, छाल, छिलका, बीज और गूदे में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं। पपीता के नियमित उपयोग से शरीर में इन विटामिनों की कमी नहीं रहती। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो बहुत ही पाचक होता है। यह पेप्सिन प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। बच्चों की वृद्धि में और रोगों से बचाव की क्षमता बढ़ाने में भी विटामिन ‘ए’ की आवश्यकता रहती है।भारत के कई हिस्सों में पपीते की खेती की जाती है। भारत के दक्षिण में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल, पश्चिम में बंगाल, पूर्व में असम, उड़ीसा एवं गुजरात, महराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश और मध्य भारत में पपीते का सबसे अधिक उत्पादन किया जाता है। विश्व में भारत पपीता का सबसे बड़ा उत्पादक है।
पपीता खाने के लाभ
त्वचा का रंग निखारने में
पपीते में कई स्वस्थ घटक हैं जो आपकी त्वचा के लिए बहुत अच्छे होते हैं। अधिकतम त्वचा लाभों का आनंद लेने के लिए पपीता का उपयोग एक फेस पैक के रूप में किया जा सकता है। जब पके हुए पपीते को फेस पैक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह त्वचा के छिद्रों को खोलने में मदद करता है जो मुँहासे का इलाज करने और त्वचा के संक्रमण को रोकने में मददगार है। पपीता मृत त्वचा कोशिकाओं को निकालने और आपको ताजी और चमकदार त्वचा देने में सक्षम है। यह चेहरे पर उम्र बढ़ने के संकेत को भी कम कर देता है।
लीवर के लिए लाभदायक
कच्चे पपीते का सेवन लीवर के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। यह लीवर को मजबूती देता है। पीलिया होने से लीवर को काफी नुकसान पहुंचता है। ऐसे में कच्चा पपीता खाने से पीलिया के रोगियों को काफी फायदा पहुंचता है।
प्रतिरक्षा तंत्र के लिए लाभदायक
शायद आपको पता न हो लेकिन पपीते के पत्ते का सेवन करने से प्रतिरक्षा तंत्र काफी मजबूत होता है। दरअसल, पपीते के पत्तों में कई तरह के शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो इम्युन सिस्टम को स्टांग बनाते हैं। अगर इसके रस का सेवन किया जाए तो खून में व्हाइट ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ जाती है।
पीलिया के उपचार में
पीलिया रोग से पीड़ित लोगों के लिए पपीता एक रामबाण की तरह से माना जाता है. पीलिया की बीमारी हो जाने पर कच्चा पपीता नियमित खाने से पीलिया की बीमारी बहुत जल्दी ठीक हो जाती है.
मुँह के छालो का रामबाड़ इलाज
कई बार किसी दवाई के एलर्जी के कारण, किसी बीमारी के साइड इफेक्ट के वजह से या शरीर में किसी विटामिन की कमी से मुँह में छाले या घाव होने लगते हैं। इस परेशानी से राहत पाने के लिए पपीते का इस्तेमाल ऐसे करने पर आराम मिलता (papaya benefits) है। पपीते के दूध या आक्षीर को जीभ पर लगाने से जीभ पर होने वाला घाव जल्दी भर जाते हैं।
बालो को रखे स्ट्रांग
पपीता आपके बालों के लिए बहुत फायदेमंद है। कई खनिजों, विटामिन और एंजाइमों से भरपूर पपीता बालों के विकास और ताकत को बढ़ाता है। यह आपके बालों की मात्रा में वृद्धि करने में मदद करता है। पपीता का प्रयोग रूसी से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है।
कैंसर के खतरे को करे कम
कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि कच्चे पपीते के सेवन से कोलन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम होता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट, फीटोन्यूट्रिएंट्स और फ्लेवोनॉयड्स शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को बनने से रोकते हैं।