अंगूर का वैज्ञानिक नाम विटिस विनिफेरा है। ऐसा कहा जाता है कि अंगूर की खेती पहली बार मध्य पूर्व में की गयी थी, जब शिरज शहर ने इससे पहली बार शराब बनाने का उपयोग किया तो यह जल्द ही काफी मशहूर हो गया था। इसके बाद अन्य देशों ने भी अंगूर की खेती करनी शुरू की और उससे शराब बनाना भी शुरू किया। अंगूर को भारत में कई नामों से जाना जाता है – हिंदी में अंगूर, तेलुगू में द्रखा पांडु, तमिल में द्रखा पज़म, मलयालम में मुन्थिरी, कन्नड़ में द्रवशी, गुजराती में ध्रक्ष, और मराठी में द्रखा कहा जाता है। अंगूर का दाना कितना रस-भरा और मीठा होता है और अपनी इसी कोमलता और मिठास की वजह से यह लोगों को अति-प्रिय भी होता है। अंगूर आपके स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी अत्यंत फायदेमंद हैं।
खाने के साथ-साथ फल का सेवन करना भी जरूरी है, लेकिन कई बार वक्त की कमी और फल छिलने के आलस के कारण लोग इसे खाने से बचते हैं। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं, तो एक फल ऐसा है, जो गुणों का खजाना होने के साथ-साथ उसे खाना भी आसान है। हम यहां बात कर रहे हैं अंगूर की। यह ऐसा फल है, जिसे खाने के लिए ज्यादा झंझट करने की जरूरत नहीं है
शोधकर्ता ने बताया कि अंगूर से तैयार बायोएक्टिव डायटरी पोलीफिनॉल तनाव प्रेरित निराशा की स्थिति से बाहर निकलने में मददगार व इस रोग के इलाज में प्रभावी हो सकता है. शोध में इसका उपयोग चूहे पर किया गया और नतीजा सकारात्मक आया. जाहिर है भोजन से जो पोषक तत्व हमारे शरीर को मिलता है वह रोगों की रोकथाम के लिए ज्यादा कारगर होता है. अवसाद से बचने के अलावा भी अंगूर खाने के कई फायदे हैं
अंगूर खाने के फायदे निचे दिए गए है –
कब्ज से आराम दे
यदि आपको भूख नहीं लगती और इस कारण आपका वजन नहीं बढ़ पा रहा तो आप अंगूर के रस का सेवन कर सकते हैं. इसके सेवन से कब्ज की समस्या तो दूर होती ही है, साथ ही भूख भी लगने लग जाती है. कब्ज की समस्या बढ़ने पर आपके शरीर में कई प्रकार की बीमारियां घर कर जाती हैं.
नेत्र संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद
अंगूर आंख के फोटोरिसेप्टर की रक्षा करते हैं और धब्बेदार अध: पतन और अन्य नेत्र संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद करता है। मियामी बास्कम पामर नेत्र संस्थान के विश्वविद्यालय द्वारा एक 2014 के अध्ययन के मुताबिक, अंगूर रेटिना की रक्षा कर उसमें आने वाली गिरावट से बचाता है और उचित नेत्र देखभाल सुनिश्चित करने में मदद करता है। वास्तव में रेटिना वरिष्ठ नागरिकों के बीच अंधापन के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा अंगूर का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण रेटिना में रक्षात्मक प्रोटीन के स्तर को बढ़ा उसमें इंफ्लेमेटरी प्रोटीन के स्तर को घटाता है। नियमित आधार पर अंगूर खाएं या फिर ताज़ा अंगूर का रस पियें और कई सालों तक अच्छी दृष्टि का आनंद लें।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में
ब्लड प्रेशर जब तक नियंत्रित है, तब तक ठीक है, लेकिन जब यही ब्लड प्रेशर घटने या बढ़ने लगे, तो सेहत खराब होने लगती है। अधिकतर लोग उच्च रक्तचाप की समस्या की शिकायत करते हैं। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं, तो आप अंगूर का सेवन करें। हर रोज इसके सेवन से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। हालांकि, ब्लड प्रेशर की दवाइयों के मुकाबले इसका असर कम होता है। अंगूर खासकर कम उम्र और मोटापे के शिकार लोगों के लिए प्रभावकारी हो सकते हैं (20)। साथ ही एक और बात सामने आई है कि लाल अंगूर के जूस का सेवन करने के बाद व्यक्ति के आराम करने से ब्लड प्रेशर कम होता है और एक्सरसाइज करने के बाद ब्लड प्रेशर में सुधार आता है, लेकिन यह सब कुछ व्यक्ति के यह शुरुआती बीपी पर निर्भर करता है। कई अध्ययनों में अंगूर में हाइपोटेंसिव प्रभाव पाया गया है
हृदय को स्वस्थ रखने में
अंगूर या फिर रेड वाइन का नियमित रूप से उपभोग करने से आप अंगूर के उत्कृष्ट हृदय स्वास्थ्य सम्बंधित लाभों का लुफ्त उठा सकते हैं। यह ब्लड क्लॉट के खतरे को कम करता है, रक्त वाहिकाओं को पहुँचने वाली क्षति से संरक्षण प्रदान करता है और स्वस्थ रक्त-चाप बनाये रखने में सहायक है। अंगूर में मौजूद पोटेशियम की वजह से, यह उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को शरीर में सोडियम के प्रभाव को कम करने में मददगार है।
हृदय औषध विज्ञान के जर्नल में प्रकाशित 2009 के एक अध्ययन के मुताबिक, अंगूर की रेड वाइन का मद्यपान करने से हृदय की समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है। इसके अलावा, अंगूर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं जो सूजन को रोकने में और धमनियों के सख्त होने (atherosclerosis) और अन्य सम्बंधित खतरों को कम करने में सहायक हैं।
खून की कमी दूर करें
यदि आपके शरीर में खून की कमी है या फिर आपका हीमोग्लोबिन कम है तो खून की कमी को दूर करने के लिए एक गिलास अंगूर के जूस में 2 चम्मच शहद मिलकार पीने से खून की कमी दूर हो जाती है. साथ ही यह हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है. हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में कमजोरी बनी रहती है.
पाचन क्रिया
अगर शरीर को स्वस्थ रखना है, तो सही पाचन क्रिया होनी जरूरी है। इसलिए, अपनी जीवनशैली में हर सब्जियों के साथ-साथ फलों को भी शामिल करें। अगर फल की बात करें, तो अंगूर अच्छा विकल्प है। अंगूर में मौजूद पॉलीफेनोल के कारण पाचन क्रिया में काफी हद तक सुधार हो सकता है। इसलिए, अपनी रोज की डाइट में अंगूर को शामिल किया जा सकता है।
विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में
डिटॉक्सिफिकैशन प्रक्रिया, शरीर के स्वस्थ रहने के लिए अनिवार्य होती है क्योंकि इस प्रक्रिया के अन्तर्गत शरीर को हानिकारक विषाक्त प्रदार्थों से छुटकारा मिलता है। शरीर में विषाक्त पदार्थों का स्तर बढ़ने से आपको थकान, कमजोरी, सूजन, पाचन विकार के साथ ही त्वचा की समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। अंगूर एक प्राकृतिक मूत्र-वर्धक होने की वजह से डिटॉक्सिफिकैशन क्रिया में मदद करता है।
अंगूर में पानी और पोटेशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है जो मूत्र प्रवाह बढ़ा कर, मूत्र के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलवाने में मदद करता है। इसमें फाइबर समाविष्ट होने के कारण यह एक रेचक के रूप में कार्य करके भी शरीर को साफ़ रखने में मदद करता है। डिटॉक्सिफिकैशन के लिए, अंगूर के साथ-साथ उसके बीज का सेवन अवश्य करें क्योंकि अंगूर के बीज में ही सबसे अधिक मूल्यवान पोषक तत्व हैं। बस उन्हें आसानी से पचाने के लिए अच्छी तरह से चबाएं।
स्तन कैंसर को दूर करने में
आजकल कैंसर सर्दी-जुकाम जैसी सामान्य बीमारी बन चुकी है। स्तन का कैंसर उन्हीं में से एक है, महिलाओं की जीवनशैली और कुछ अन्य कारणों से यह किसी को भी हो सकता है। इसलिए, जरूरी है कि आप पहले से ही इससे बचने के कुछ उपाय कर लें। आप अपनी डाइट में अंगूर को जरूर शामिल करें। अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण एंटीकैंसर का प्रभाव डालते हैं, जिससे कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। सिर्फ अंगूर में ही नहीं, बल्कि अंगूर से बने किसी भी उत्पाद के सेवन से कैंसर खासकर स्तन और पेट के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
दमा या अस्थमा के उपचार में
दमा के मरीजों के लिए ठंड और बरसात का मौसम काफी परेशानियों भरा हो जाता है। धूल-मिट्टी और प्रदूषण तो और ज्यादा दुखदायी हो जाता है। ऐसे में अंगूर के सेवन से काफी राहत मिल सकती है। अंगूर के बीज में प्रोएंथोसायडीन होता है, जो सूजन को कम कर दमा के लिए अच्छा उपचार साबित हो सकता है
थकान को दूर करने में
अंगूर थकान से लड़ने के लिए और ऊर्जा के स्तर में सुधार के लिए एक आदर्श नाश्ता माना जाता है। अंगूर विटामिन एवं मैग्नीशियम, फास्फोरस, लौह और तांबा जैसे खनिजों से भरपूर होता है। यह सभी पोषक तत्व एक साथ काम कर, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने और ऊर्जा प्रदान करने के साथ थकान को कम करने में मदद करता है।
बस एक मुट्ठी भर अंगूर के दाने खाने से या फिर आधा गिलास अंगूर का रस पीने से आपको तुरंत ऊर्जा मिलेगी और आप कम थका हुआ महसूस करेंगे। हालांकि, गहरे रंग वाले अंगूर शरीर में आयरन की मात्रा और थकान से लड़ने के लिए उतने सक्षम नहीं होते हैं। पर हल्के और सफेद रंग के अंगूर थकान को कम करने में उत्तम माने जाते हैं।
अंगूर खाने का सही समय :
आमतौर पर खाली पेट फलों का सेवन करना सबसे बेस्ट होता है। लेकिन लंच या डिनर के बीच या फिर ब्रेकफास्ट या लंच के बीच या फिर वर्कआउट के बाद अपनी बॉडी को रिचार्ज करना चाहते हैं, तो फलों का सेवन करना चाहिए। इसलिए अंगूर का सेवन सुबह खाली पेट या दोपहर के वक्त खाने से पहले करना सबसे अच्छा रहेगा।